Indicators on सपने में बूंदी का प्रसाद देखना You Should Know

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ज़िला प्रशासन के मुताबिक़, रास्ता बनाने के लिए लोहे का बैरीकेड काटकर वहां पर लोहे का एक गेट लगाया गया.

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प्रशासन ने धार्मिक कार्यों के कुछ जानकारों से भी इस बात की सलाह ली कि अगर कोई जगह काफी दिनों तक बंद रहती हैं तो वहां पूजा करने के लिए क्या विधान होता है.

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प्रशासन को अपनी कार्रवाई करने के लिए पहले परिसर को खाली करवाना था और उस में भी कुछ समय लगा.

प्रशासन का कहना है कि रास्ता पहले की तरह अब भी बंद है लेकिन अब फिक्स्ड बैरीकेड की जगह दरवाज़ा लगा दिया गया.

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क्योंकि तहखाना सपने में बूंदी का प्रसाद देखना बंद था तो उसमें सीलन की समस्या भी थी.

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

ज्ञानवापी: व्यास तहख़ाने में आठ मूर्तियों की पूजा कैसे शुरू हुई

वाराणसी के डीएम और पुलिस कमिश्नर ने काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन से और पास के थाना चेतगंज के अधिकारियों से फीडबैक लेकर यह तय किया कि प्रशासन फेंस काटने की कार्रवाई और पूजा देर रात में करवाएगा.

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वाराणसी प्रशासन का कहना है कि जब तहख़ाने में प्रवेश किया गया और पूजा कराई गई तब वहां सोमनाथ व्यास के परिवार और इस मुकदमे का कोई भी याचिकाकर्ता मौजूद नहीं था.

प्रशासन के मुताबिक़ काशी मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा ने ही पूजा शुरू करवाई.

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